poem019

हिंदू एकता गीत

सभी हम है यहां हिंदू! बंधू बंधू
जो ही महादेवजी पिता हमारे नमन उन्हे कर दू !

ब्राम्हण या क्षत्रिय, शुद्र जो भी हो
कोई भी रूप या रंग उसका हो
वो महार अथवा मांग, हम सब को
ये ही एकही माता हिंदुजाती नमनअभी कर दू!!

एकही देश ही हमारे प्रेमका
एकहीछंद जीवन केकाव्यों का
एकही धर्म ही हमारा सकलों का
ये हिंदू जाती कि गंगा हम ही उसिके सकल बिंदू !!

उभयजन वे दोष आपस केमिटवा दे
द्वेषों को, दुष्ट रूढीको त्याग दे
(मित्रता) मातेस्तव अब जोड दे
जाब हम अपराधोकों सब भूलें तो बने प्रेमसिंधू !!

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